- फैसले ने साबित कर दिया सत्ता ही शिक्षा के गिरते स्तर के लिए है जिम्मेवार
- जस्टिस अग्रवाल के फैसले को देश और दुनिया के प्रत्येक गांव तक पहुंचएगी एनएसएफ 
अमृतसर, 22 अगस्त:
राष्ट्रवादी क्रांतिकारी विद्यार्थी संगठन नेशनल स्टूडेंट्स फेडरेशन (एनएसएफ) ने इलाहबाद हाईकोर्ट के जस्टिस सुधीर अग्रवाल की ओर से शिक्षा में सुधारों को लेकर दिये अपने फैसले को हिन्दुस्तान के शिक्षा के इतिहास का एक क्रांतिकारी फैसला बताया है। इस फैसले के अनुसार हर उस व्यक्ति को अपने बच्चों को सरकारी शिक्षणा संस्थानों में पढ़ाना होगा जो व्यक्ति भारत के सरकारी खजाने से कोई आर्थिक सुविधा या फिर वेतन हासिल करते है। इस इंकलाबी फैसला देने वाले जस्टिस सुधीर अग्रवार को एनएसएफ की ओर से भारत के इतिहास पुरुष आवार्ड के साथ सम्मानित करने का फैसला लिया है। अवार्ड कब दिया जाना है इस की घोषणा भी सगठन की ओर से जल्दी कर दी जाएगी। जस्टिस सुधीर अग्रवाल के इस फैसले से भारत के शिक्षा जगत में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा। इस लिए एनएसएफ इस फैसले के प्रतिदिया भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के हर देश के प्रत्येक गांव तक पहुंचा कर इस फैसले को यूनिर्वसिल जनरलाईज करने की मांग करेगी। इस फैसले को देश भर में कानूनी रूप दिये जाने के लिए एनएसएफ की ओर से यहा कानूनी प्रक्रिया का सहारा लिया जाएगा वहीं इस के लिए जन जागृति अभियान भी चलाया जाएगा। 
एनएसएफ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतविंदर सिंह और महामंत्री राजविंदर राजा ने कहा कि जस्टिस सुधार अग्रवाल की ओर से दिये गए इस फैसले ने साबित कर दिया है कि सत्ता पर काबिज लोग किस तरह खुद ही शिक्षा के गिरते स्तर के लिए जिम्मेवार है। जब सत्ता खुद ही रास्ते से भटक जाए जो फिर आम जनता या फिर न्याय विभाग ही सत्ता को कानून के अर्थ समझाने की जिम्मेवारी निभाता है। जिस को जस्टिस अग्रवाल ने भलीभंति निभाया है। इस लिए जस्टिस अग्रवाल भारत के एक इतिहास पुरूष है। एनएसएफ इस तरह के अधिकारियों का पूर्ण सम्मान करता है जो अधिकारी देश के प्रति अपनी ड्यूटी निभाते हुए देश का दर्द हमेशा याद रखते है। जस्टिस अग्रवाल के आदेशों से देश के करोड़ों विद्यार्थियों का भविष्य भी उज्जवल होगा जो आर्थिक कमजोरी के कारण बढिय़ा ढंग से शिक्षा हासिल नहीं कर सकते है। 
- जारी कर्ता
राजविंदर राजा 
महामंत्री एनएसएफ भारत 
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