15 अगस्त आजादी नहीं धोखा है, देश का
समझौता है , शासन नहीं शासक बदला है, गोरा
नहीं अब काला है 15 अगस्त 1947 को देश आजाद
नहीं हुआ तो हर वर्ष क्यों ख़ुशी मनाई
जाती है ?
क्यों भारतवासियों के साथ भद्दा मजाक …किया जा रहा है l
यह नेहरू का वो पत्र है जो साबित करता है कि 15 अगस्त 1947
को भारत आजाद नहीं हुआ था। इस पत्र से जाहिर
होता है कि देश को कांग्रेस ने एक और झूठ बताया है। 1948 में
लिखे गए इस पत्र मे नेहरू ने इंग्लैंड की
महारानी के निर्देश और आदेश पर
राजगोपालाचारी को भारत उपनिवेश में महारानी
का प्रतिनिधि बताया है।
भारत के दुसरे गवर्नर के रूप में चक्रवर्ती
राजगोपालचारी ने निम्न शपथ ली l “मैं
चक्रवर्ती राजगोपालचारी यथाविधि यह
शपथ लेता हूँ की मैं सम्राट जार्ज षष्ठ और उनके
वंशधर और उत्तराधिकारी के प्रति कानून के मुताबिक
विश्वास के साथ वफादारी निभाऊंगा, एवं मैं
चक्रवर्ती राजगोपालचारी यह शपथ लेता
हूँ की मैं गवर्नर जनरल के पद पर होते हुए सम्राट
जार्ज षष्ठ और उनके वंशधर और उत्तराधिकारी
की यथावत सेवा करूँगा l ”
इस सन्दर्भ में निम्नलिखित तथ्यों को जानें …. :
1. भारत को सत्ता हस्तांतरण 14-15 अगस्त 1947 को गुप्त
दस्तावेज के तहत, जो की 1999 तक प्रकाश में
नहीं आने थे (50 वर्षों तक ) l
2. भारत सरकार का संविधान के महत्वपूर्ण अनुच्छेदों में संशोधन
करने का अधिकार नहीं है l
3. संविधान के अनुच्छेद 348 के अंतर्गत उच्चतम न्यायलय,
उच्च न्यायलय तथा संसद की कार्यवाही
अपनी राष्ट्रभाषा हिंदी में होने के बजाय
अंग्रेजी भाषा में होगी l
4. अप्रैल 1947 में लन्दन में उपनिवेश देश के
प्रधानमंत्री अथवा अधिकारी उपस्थित हुए,
यहाँ के घोषणा पत्र के खंड 3 में भारत वर्ष की इस
इच्छा को निश्चयात्मक रूप में बताया है की वह …
क ) ज्यों का त्यों ब्रिटिश का राज समूह सदस्य बना रहेगा तथा
ख ) ब्रिटिश राष्ट्र समूह के देशों के स्वेच्छापूर्ण मिलाप का ब्रिटिश
सम्राट को चिन्ह (प्रतीक) समझेगा, जिनमे शामिल हैं
….. (इंग्लैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड,
दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान, श्री लंका) …
तथा
ग ) सम्राट को ब्रिटिश समूह का अध्यक्ष स्वीकार
करेगा l
5. भारत की विदेश नीति तथा अर्थ
नीति, भारत के ब्रिटिश का उपनिवेश होने के कारण
स्वतंत्र नहीं है अर्थात उन्हीं के
अधीन है l
6. नौ-सेना के जहाज़ों पर आज भी तथाकथित
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज नहीं
है l
7. जन गन मन अधिनायक जय हे … हमारा राष्ट्र-गान
नहीं है, अपितु जार्ज पंचम के भारत आगमन पर
उसके स्वागत में गाया गया गान है, उपनिवेशिक प्रथाओं के कारण
दबाव में इसी गीत को राष्ट्र-गान बना दिया
गया … जो की हमारी गुलामी
का प्रतीक है l
8. सन 1948 में बने बर्तानिया कानून के अंतर्गत भाग 1 (1)
1948 के बर्तानिया के कानून के अनुसार हर भारतवासी
बर्तानिया की रियाया है और यह कानून भारत के
गणराज्य प्राप्त कर लेने के पश्चात भी लागू है l
9. यदि 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ तो प्रथम
गवर्नर जनरल माउन्ट-बेटन को क्यों बनाया गया ??
10. 22 जून 1948 को भारत के दुसरे गवर्नर के रूप में
चक्रवर्ती राजगोपालचारी ने निम्न शपथ
ली l “मैं चक्रवर्ती
राजगोपालचारी यथाविधि यह शपथ लेता हूँ
की मैं सम्राट जार्ज षष्ठ और उनके वंशधर और
उत्तराधिकारी के प्रति कानून के मुताबिक विश्वास के साथ
वफादारी निभाऊंगा, एवं मैं चक्रवर्ती
राजगोपालचारी यह शपथ लेता हूँ की मैं
गवर्नर जनरल के पद पर होते हुए सम्राट जार्ज षष्ठ और
उनके वंशधर और उत्तराधिकारी की
यथावत सव्वा करूँगा l ”
11. 14 अगस्त 1947 को भारतीय स्वतन्त्रता विधि
से भारत के दो उपनिवेश बनाए गए जिन्हें ब्रिटिश Common-
Wealth की … धारा नं. 9 (1) – (2) – (3) तथा
धारा नं. 8 (1) – (2) धारा नं. 339 (1) धारा नं. 362 (1) – (3)
– (5) G – 18 के अनुच्छेद 576 और 7 के अंतर्गत …. इन
उपरोक्त कानूनों को तोडना या भंग करना भारत सरकार
की सीमाशक्ति से बाहर की
बात है तथा प्रत्येक भारतीय नागरिक इन धाराओं के
अनुसार ब्रिटिश नागरिक अर्थात गोरी सन्तान है l
12. भारतीय संविधान की व्याख्या
अनुच्छेद 147 के अनुसार गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया एक्ट 1935
तथा indian independence act 1947 के
अधीन ही की जा
सकती है … यह एक्ट ब्रिटिश सरकार ने लागू किये l
13. भारत सरकार के संविधान के अनुच्छेद नं. 366, 371, 372
एवं 392 को बदलने या रद्द करने की क्षमता भारत
सरकार को नहीं है l
14. भारत सरकार के पास ऐसे ठोस प्रमाण अभी तक
नहीं हैं, जिनसे नेताजी की
वायुयान दुर्घटना में मृत्यु साबित होती है l इसके
उपरान्त मोहनदास गांधी, जवाहरलाल नेहरू, मोहम्मद
अली जिन्ना और मौलाना अबुल कलाम आजाद ने ब्रिटिश
न्यायाधीश के साथ यह समझौता किया कि अगर
नेताजी ने भारत में प्रवेश किया, तो वह गिरफ्तार ककर
ब्रिटिश हुकूमत को सौंप दिया जाएगाl बाद में ब्रिटिश सरकार के
कार्यकाल के दौरान उन सभी राष्ट्रभक्तों
की गिरफ्तारी और सुपुर्दगी
पर मुहर लगाईं गई जिनको ब्रिटिश सरकार पकड़ नहीं
पाई थी l
15. डंकल व् गैट, साम्राज्यवाद को भारत में पीछे के
दरवाजों से लाने का सुलभ रास्ता बनाया है ताकि भारत की
सत्ता फिर से इनके हाथों में आसानी से
सौंपी जा सके l
उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट होता है की सम्पूर्ण
भारतीय जनमानस को आज तक एक धोखे में
ही रखा गया है, तथाकथित नेहरु गाँधी
परिवार इस सच्चाई से पूर्ण रूप से अवगत थे परन्तु सत्तालोलुभ
पृवृत्ति के चलते आज तक उन्होंने भारत की जनता
को अँधेरे में रखा और विश्वासघात करने में पूर्ण रूप से सफल हुए
l